श्री महाभारत » पर्व 6: भीष्म पर्व » अध्याय 5: पंचमहाभूतों तथा सुदर्शनद्वीपका संक्षिप्त वर्णन » श्लोक 4 |
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| | श्लोक 6.5.4  | भूमिरापस्तथा वायुरग्निराकाशमेव च।
गुणोत्तराणि सर्वाणि तेषां भूमि: प्रधानत:॥ ४॥ | | | अनुवाद | आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी ये पाँच महाभूत हैं। आकाश से पृथ्वी तक पाँच महाभूतों के क्रम में, प्रत्येक तत्व अपने से एक गुण अधिक रखता है। इन सभी तत्त्वों में पृथ्वी सबसे महत्वपूर्ण तत्त्व है।॥4॥ | | Sky, air, fire, water and earth are the five great elements. In the order of the five great elements from sky to earth, each element has one quality more than the previous one. Earth is the most important element among all these elements.॥ 4॥ |
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