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पर्व 5: उद्योग पर्व
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अध्याय 178: अम्बा और परशुरामजीका संवाद, अकृतव्रणकी सलाह, परशुराम और भीष्मकी रोषपूर्ण बातचीत तथा उन दोनोंका युद्धके लिये कुरुक्षेत्रमें उतरना
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श्लोक 91
श्लोक
5.178.91
यथा च रामो राजेन्द्र मया पूर्वं प्रचोदित:।
काशिराजसुतायाश्च यथा कर्म पुरातनम्॥ ९१॥
अनुवाद
राजेन्द्र! मैंने उनसे वह सब कह सुनाया जो मैंने पहले परशुरामजी से कहा था और काशीराज की पुत्री के पूर्व कर्म भी कह सुनाए॥ 91॥
Rajendra! I told him everything that I had said to Parasurama earlier and the past deeds of the daughter of the King of Kashi.॥ 91॥
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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