श्री महाभारत  »  पर्व 5: उद्योग पर्व  »  अध्याय 143: कर्णके द्वारा पाण्डवोंकी विजय और कौरवोंकी पराजय सूचित करनेवाले लक्षणों एवं अपने स्वप्नका वर्णन  »  श्लोक 48
 
 
श्लोक  5.143.48 
कर्ण उवाच
अपि त्वां कृष्ण पश्याम जीवन्तोऽस्मान्महारणात्।
समुत्तीर्णा महाबाहो वीरक्षत्रविनाशनात्॥ ४८॥
 
 
अनुवाद
कर्ण ने कहा - हे महाबाहु श्रीकृष्ण! यदि हम वीर क्षत्रियों का नाश करने वाले इस महायुद्ध में जीवित बच गए, तो पुनः आपके दर्शन करेंगे।
 
Karna said - O mighty-armed Sri Krishna! If we survive this great war that destroys the valiant kshatriyas, we will see you again. 48.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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