श्री महाभारत  »  पर्व 3: वन पर्व  »  अध्याय 98: धन प्राप्त करनेके लिये अगस्त्यका श्रुतर्वा, ब्रध्नश्व और त्रसदस्यु आदिके पास जाना  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  3.98.18 
तत: सर्वे समेत्याथ ते नृपास्तं महामुनिम्।
इदमूचुर्महाराज समवेक्ष्य परस्परम्॥ १८॥
 
 
अनुवाद
महाराज! तब वे सब राजा एक दूसरे की ओर देखकर महर्षि अगस्त्य से इस प्रकार बोले-॥18॥
 
Maharaj! Then all those kings looking at each other spoke to the great sage Agastya in this manner -॥ 18॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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