श्री महाभारत  »  पर्व 3: वन पर्व  »  अध्याय 91: महर्षि लोमशका आगमन और युधिष्ठिरसे अर्जुनके पाशुपत आदि दिव्यास्त्रोंकी प्राप्तिका वर्णन तथा इन्द्रका संदेश सुनाना  »  श्लोक 7
 
 
श्लोक  3.91.7 
आसीत् पुरुषशार्दूल दृष्ट्वा पार्थं तथागतम्।
आह मां तत्र देवेशो गच्छ पाण्डुसुतान् प्रति॥ ७॥
 
 
अनुवाद
'हे नरसिंह युधिष्ठिर! जब मैं तुम्हारे भाई अर्जुन को इन्द्र के सिंहासन पर बैठे देखकर आश्चर्यचकित हुआ, उसी समय देवराज इन्द्र ने मुझसे कहा - 'मुनि! तुम पाण्डवों के पास जाओ।'
 
'Yudhishthira, O lion of men! When I was surprised to see your brother Arjun sitting on Indra's throne, at that very time Devraj Indra said to me - 'Muni! You go to the Pandavas.'
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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