श्री महाभारत  »  पर्व 3: वन पर्व  »  अध्याय 269: पाण्डवोंका आश्रमपर लौटना और धात्रेयिकासे द्रौपदीहरणका वृत्तान्त जानकर जयद्रथका पीछा करना  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  3.269.6 
ते सैन्धवैरत्यनिलोग्रवेगै-
र्महाजवैर्वाजिभिरुह्यमाना:।
युक्तैर्बृहद्भि: सुरथैर्नृवीरा-
स्तदाऽऽश्रमायाभिमुखा बभूवु:॥ ६॥
 
 
अनुवाद
तत्पश्चात् वे वीर पाण्डव वायु से भी अधिक वेग से चलने वाले सिन्धुदेश के महान वेगवान घोड़ों से जुते हुए सुन्दर एवं विशाल रथों पर बैठकर आश्रम की ओर चले॥6॥
 
After that, those brave Pandavas proceeded towards the ashram, sitting on beautiful and huge chariots harnessed by the great swift horses of Sindhudesh, which move faster than the wind. 6॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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