श्री महाभारत  »  पर्व 3: वन पर्व  »  अध्याय 220: पाञ्चजन्य अग्निकी उत्पत्ति तथा उसकी संततिका वर्णन  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  3.220.9 
बृहद्रथस्य प्रणिधि: काश्यपस्य महत्तर:।
भानुरङ्गिरसो धीर: पुत्रो वर्चस्य सौभर:॥ ९॥
 
 
अनुवाद
(जिनके नाम इस प्रकार हैं-) वसिष्ठ बृहद्रथ के अंश से प्रणिधि, कश्यप के अंश से महत्तर, अंगिरस च्यवन के अंश से भानु और वर्चा के अंश से सौभर उत्पन्न हुए ॥9॥
 
(Whose names are as follows -) Pranidhi was born from the part of Vasistha Brihadratha, Mahattar from the part of Kashyap, Bhanu from the part of Angiras Chyavan and Saubhar was born from the part of Varcha. 9॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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