श्री महाभारत  »  पर्व 3: वन पर्व  »  अध्याय 159: प्रश्नके रूपमें आर्ष्टिषेणका युधिष्ठिरके प्रति उपदेश  »  श्लोक 28
 
 
श्लोक  3.159.28 
देवदानवसिद्धानां तथा वैश्रवणस्य च।
गिरे: शिखरमुद्यानमिदं भरतसत्तम॥ २८॥
 
 
अनुवाद
हे भरतश्रेष्ठ! यह पर्वत शिखर देवताओं, दानवों, सिद्धों और कुबेर की क्रीड़ास्थली है।।28।।
 
O best of the Bharatas! This peak of the mountain is the playground of the gods, demons, Siddhas and Kubera. 28.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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