श्री महाभारत  »  पर्व 3: वन पर्व  »  अध्याय 159: प्रश्नके रूपमें आर्ष्टिषेणका युधिष्ठिरके प्रति उपदेश  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  3.159.26 
अप्सरोभि: परिवृत: समृद्धॺा नरवाहन:।
इह वैश्रवणस्तात पर्वसंधिषु दृश्यते॥ २६॥
 
 
अनुवाद
हे प्रिये! उत्सवों के समय मनुष्यों पर सवार कुबेर यहाँ अप्सराओं से घिरे हुए, अपने अपार वैभव के साथ दिखाई देते हैं।
 
O dear! At the time of festivals, Kubera who rides on humans is seen here in all his immeasurable splendour, surrounded by Apsaras. 26.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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