श्री महाभारत  »  पर्व 3: वन पर्व  »  अध्याय 159: प्रश्नके रूपमें आर्ष्टिषेणका युधिष्ठिरके प्रति उपदेश  »  श्लोक 2
 
 
श्लोक  3.159.2 
तत: कृष्णा च भीमश्च यमौ च सुतपस्विनौ।
शिरोभि: प्राप्य राजर्षिं परिवार्योपतस्थिरे॥ २॥
 
 
अनुवाद
तत्पश्चात् द्रौपदी, भीमसेन तथा महातपस्वी नकुल और सहदेव ने सिर झुकाकर राजा को चारों ओर से घेर लिया॥ 2॥
 
Thereafter Draupadi, Bhimasena and the great ascetics Nakula and Sahadeva - all with their heads bowed down - surrounded the king from all sides.॥ 2॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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