श्री महाभारत  »  पर्व 3: वन पर्व  »  अध्याय 136: यवक्रीतका रैभ्यमुनिकी पुत्रवधूके साथ व्यभिचार और रैभ्यमुनिके क्रोधसे उत्पन्न राक्षसके द्वारा उसकी मृत्यु  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  3.136.11 
तत: समभवद् रक्षो घोराक्षं भीमदर्शनम्।
अब्रूतां तौ तदा रैभ्यं किं कार्यं करवावहै॥ ११॥
 
 
अनुवाद
उसमें से एक राक्षस प्रकट हुआ, जिसके नेत्र अत्यंत भयानक थे। वह देखने में अत्यंत भयानक प्रतीत होता था। उस समय उन दोनों ने रैभ्य मुनि से पूछा - 'आपकी किस आज्ञा का पालन करना चाहिए?'॥11॥
 
A demon appeared from it, whose eyes were very scary. He appeared very terrifying to look at. At that time both of them asked Raibhya Muni - 'Which of your orders should we follow?'॥ 11॥
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.