श्री महाभारत  »  पर्व 18: स्वर्गारोहण पर्व  »  अध्याय 7:  »  श्लोक d55-d56
 
 
श्लोक  18.7.d55-d56 
वेदे रामायणे पुण्ये भारते भरतर्षभ।
आदौ चान्ते च मध्ये च हरि: सर्वत्र गीयते॥
भारतश्रवणे राजन् पारणे च नृपोत्तम।
सदा यत्नवता भाव्यं श्रेयस्तु परमिच्छता॥
 
 
अनुवाद
हे भरतर्षभ! वेद, रामायण तथा पवित्र महाभारत में आदि, मध्य तथा अन्त में सर्वत्र श्रीहरिका का गान किया गया है। अतः हे नरश्रेष्ठ! उत्तम श्रेय: मोक्ष की इच्छा रखने वाले प्रत्येक मनुष्य को महाभारत के श्रवण और पाठ में सदैव प्रयत्नशील रहना चाहिए।
 
Hey Bharatarshbha! In Vedas, Ramayana and the holy Mahabharata, Sri Harika has been chanted everywhere in the beginning, middle and end. Therefore, oh best of humans! Best credit: Every man who desires salvation should always make efforts in listening and reciting the Mahabharata.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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