श्री महाभारत » पर्व 18: स्वर्गारोहण पर्व » अध्याय 6: » श्लोक 93 |
|
| | श्लोक 18.6.93  | वेदे रामायणे पुण्ये भारते भरतर्षभ।
आदौ चान्ते च मध्ये च हरि: सर्वत्र गीयते॥ ९३॥ | | | अनुवाद | भरतश्रेष्ठ! भगवान श्रीहरिक का गान वेद, रामायण और पवित्र महाभारत के आदि, मध्य और अन्त में सर्वत्र किया जाता है। 93॥ | | Bharatshrestha! Lord Sri Harika is sung everywhere in the beginning, middle and end of the Vedas, Ramayana and the holy Mahabharata. 93॥ |
| ✨ ai-generated | |
|
|