श्री महाभारत  »  पर्व 18: स्वर्गारोहण पर्व  »  अध्याय 6:  »  श्लोक 81
 
 
श्लोक  18.6.81 
ततो गन्धैश्च माल्यैश्च स्वलंकृत्य द्विजोत्तमान्।
तर्पयेद् विविधै: कामैर्दानैश्चोच्चावचैस्तथा॥ ८१॥
 
 
अनुवाद
तत्पश्चात् श्रेष्ठ ब्राह्मणों को चन्दन और माला आदि से अलंकृत करें तथा उन्हें नाना प्रकार की इच्छित वस्तुएँ तथा नाना प्रकार की छोटी-बड़ी आवश्यक वस्तुएँ देकर संतुष्ट करें ॥81॥
 
Thereafter, adorn the best Brahmins with sandalwood and garlands etc. and satisfy them by giving them various desired items and various small and big essential items. 81॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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