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श्लोक 18.6.66-67h  |
गदापर्वण्यपि तथा मुद्गमिश्रं प्रदापयेत्॥ ६६॥
स्त्रीपर्वणि तथा रत्नैस्तर्पयेत्तु द्विजोत्तमान्। |
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अनुवाद |
गदापर्व में मूंग मिश्रित चावल का दान करें। स्त्रीपर्व में श्रेष्ठ ब्राह्मणों को रत्नों से संतुष्ट करें। |
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In the Gada-parva also donate rice mixed with green gram. In the Stri-parva satisfy the best of the Brahmins with gems. |
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