|
|
|
श्लोक 18.3.12  |
न च मन्युस्त्वया कार्य: शृणु चेदं वचो मम।
अवश्यं नरकस्तात द्रष्टव्य: सर्वराजभि:॥ १२॥ |
|
|
अनुवाद |
हे पिता! जो नरक तुम्हें देखना पड़ा है, उसके लिए क्रोध मत करो। मेरी बात सुनो! सभी राजाओं को नरक अवश्य देखना पड़ता है॥12॥ |
|
‘Father! Do not be angry for the hell you have had to see. Listen to me! All kings have to see hell for sure.॥ 12॥ |
|
✨ ai-generated |
|
|