श्री महाभारत  »  पर्व 18: स्वर्गारोहण पर्व  »  अध्याय 2: देवदूतका युधिष्ठिरको नरकका दर्शन कराना तथा भाइयोंका करुण-क्रन्दन सुनकर उनका वहीं रहनेका निश्चय करना  »  श्लोक 13
 
 
श्लोक  18.2.13 
देवा ऊचु:
यदि वै तत्र ते श्रद्धा गम्यतां पुत्र मा चिरम्।
प्रिये हि तव वर्तामो देवराजस्य शासनात्॥ १३॥
 
 
अनुवाद
देवताओं ने कहा, "पुत्र! यदि तुम्हें उन पर विश्वास है, तो आओ, विलम्ब न करो। हम देवताओं के राजा की आज्ञा से तुम्हें पूर्णतः प्रसन्न करना चाहते हैं।"
 
The gods said, "Son! If you have faith in them, then come, do not delay. We want to please you completely by the order of the king of gods." 13.
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.