युधिष्ठिर उवाच
अतिभुक्तं च भवता प्राणेन च विकत्थसे।
अनवेक्ष्य परं पार्थ तेनासि पतित: क्षितौ॥ २५॥
अनुवाद
युधिष्ठिर बोले, "भीमसेन! तुम बहुत खाते थे और दूसरों की ओर ध्यान न देकर अपने बल का बखान करते थे; इसी कारण तुम्हें भी पराजय का सामना करना पड़ा।"
Yudhishthira said, "Bhimasena! You used to eat a lot and used to brag about your strength without paying any attention to others; because of this you too had to face defeat."