श्री महाभारत  »  पर्व 17: महाप्रस्थानिक पर्व  »  अध्याय 2: मार्गमें द्रौपदी, सहदेव, नकुल, अर्जुन और भीमसेनका गिरना तथा युधिष्ठिरद्वारा प्रत्येकके गिरनेका कारण बताया जाना  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  17.2.18 
तांस्तु प्रपतितान् दृष्ट्वा पाण्डव: श्वेतवाहन:।
पपात शोकसन्तप्तस्ततो नु परवीरहा॥ १८॥
 
 
अनुवाद
द्रौपदी, नकुल और सहदेव तीनों गिर पड़े, यह देखकर शत्रु योद्धाओं का संहार करने वाला श्वेतवस्त्रधारी पाण्डुपुत्र अर्जुन शोक से व्याकुल हो गया और स्वयं भी गिर पड़ा॥18॥
 
Draupadi, Nakula and Sahadev all three fell down, seeing this the white-carrier son of Pandu, Arjuna, who had killed the enemy warriors, was overcome with grief and himself also fell down. 18॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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