श्री महाभारत  »  पर्व 16: मौसल पर्व  »  अध्याय 8: अर्जुन और व्यासजीकी बातचीत  »  श्लोक d3
 
 
श्लोक  16.8.d3 
व्यास उवाच
(देवांशा देवदेवेन सम्मतास्ते गता: सह।
धर्मव्यवस्थारक्षार्थं देवेन समुपेक्षिता:॥ )
 
 
अनुवाद
व्यासजी ने कहा- कुन्तीकुमार! वे समस्त यदुवंशी देवताओं के अंश थे। वे देवाधिदेव श्रीकृष्ण के साथ यहाँ आये थे और साथ ही चले गये। उनके रहने से धर्म की मर्यादा भंग होने का भय था; अतः भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म-व्यवस्था की रक्षा के लिए उन मरते हुए यादवों की उपेक्षा कर दी।
 
Vyasji said – Kuntikumar! They were part of all the Yaduvanshi gods. He came here along with Devadhidev Shri Krishna and went away together. There was a fear that the dignity of religion would be violated due to his stay; Therefore, Lord Krishna ignored those dying Yadavas to protect the religious system.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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