श्री महाभारत  »  पर्व 16: मौसल पर्व  »  अध्याय 8: अर्जुन और व्यासजीकी बातचीत  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  16.8.1 
वैशम्पायन उवाच
प्रविशन्नर्जुनो राजन्नाश्रमं सत्यवादिन:।
ददर्शासीनमेकान्ते मुनिं सत्यवतीसुतम्॥ १॥
 
 
अनुवाद
वैशम्पायनजी कहते हैं-राजन्! सत्यवादी व्यासजी के आश्रम में प्रवेश करके अर्जुन ने देखा कि सत्यवतीनन्दन मुनिवर व्यास अकेले बैठे हैं। 1॥
 
Vaishampayanji says – King! Entering the ashram of Satyavadi Vyasji, Arjun saw that Satyavatinandan Munivar Vyas was sitting alone. 1॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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