श्री महाभारत  »  पर्व 16: मौसल पर्व  »  अध्याय 7: वसुदेवजी तथा मौसलयुद्धमें मरे हुए यादवोंका अन्त्येष्टि संस्कार करके अर्जुनका द्वारकावासी स्त्री-पुरुषोंको अपने साथ ले जाना, समुद्रका द्वारकाको डुबो देना और मार्गमें अर्जुनपर डाकुओंका आक्रमण, अवशिष्ट यादवोंको अपनी राजधानीमें बसा देना  »  श्लोक 41
 
 
श्लोक  16.7.41 
निर्याते तु जने तस्मिन् सागरो मकरालय:।
द्वारकां रत्नसम्पूर्णां जलेनाप्लावयत् तदा॥ ४१॥
 
 
अनुवाद
उस भीड़ के जाते ही मगरमच्छों और घड़ियालों का निवासस्थान समुद्र ने रत्नों से परिपूर्ण द्वारका नगरी को अपने जल से डुबा दिया ॥41॥
 
As soon as that crowd left, the ocean, the abode of crocodiles and alligators, submerged the city of Dvaraka, full of gems, with its water. ॥ 41॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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