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श्लोक 16.3.21  |
भूरिश्रवाश्छिन्नबाहुर्युद्धे प्रायगतस्त्वया।
वधेन सुनृशंसेन कथं वीरेण पातित:॥ २१॥ |
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अनुवाद |
हे! युद्ध में भूरिश्रवा की भुजा कट गई थी और वह तो आमरण व्रत धारण करके पृथ्वी पर बैठ गया था, फिर वीर कहलाने पर भी आपने उसे इतनी निर्दयता से क्यों मारा?' 21॥ |
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Oho! Bhurishrava's arm was cut off in the war and he had decided to fast till death and sat on the earth, why did you kill him brutally despite being called a hero?' 21॥ |
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