श्री महाभारत  »  पर्व 16: मौसल पर्व  »  अध्याय 3: कृतवर्मा आदि समस्त यादवोंका परस्पर संहार  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  16.3.20 
तत: परमसंक्रुद्ध: कृतवर्मा तमब्रवीत्।
निर्दिशन्निव सावज्ञं तदा सव्येन पाणिना॥ २०॥
 
 
अनुवाद
यह सुनकर कृतवर्मा अत्यन्त क्रोधित हो गए और अपने बाएँ हाथ की उँगली से इशारा करके सात्यकि का अपमान करते हुए बोले-॥20॥
 
On hearing this, Kritavarma became very angry and pointing a finger with his left hand insulted Satyaki and said -॥ 20॥
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.