श्री महाभारत  »  पर्व 16: मौसल पर्व  »  अध्याय 2: द्वारकामें भयंकर उत्पात देखकर भगवान‍् श्रीकृष्णका यदुवंशियोंको तीर्थयात्राके लिये आदेश देना  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  16.2.22 
इदं च तदनुप्राप्तमब्रवीद् यद् युधिष्ठिर:।
पुरा व्यूढेष्वनीकेषु दृष्ट्वोत्पातान् सुदारुणान्॥ २२॥
 
 
अनुवाद
"जब कौरव और पाण्डवों की सेनाएँ युद्ध-पंक्ति में आमने-सामने खड़ी थीं, तब युधिष्ठिर ने जो कुछ कहा था, उस समय जो भयंकर उत्पात मचा हुआ था, उसे देखकर वही लक्षण आज भी विद्यमान हैं।" ॥22॥
 
"Whatever Yudhishthira had said at that time when the armies of the Kauravas and the Pandavas stood face to face in battle formation, seeing the terrible havoc created, the same symptoms are present now as well." ॥22॥
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