श्री महाभारत  »  पर्व 16: मौसल पर्व  »  अध्याय 1: युधिष्ठिरका अपशकुन देखना, यादवोंके विनाशका समाचार सुनना, द्वारकामें ऋषियोंके शापवश साम्बके पेटसे मूसलकी उत्पत्ति तथा मदिराके निषेधकी कठोर आज्ञा  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  16.1.23 
तथोक्त्वा मुनयस्ते तु तत: केशवमभ्ययु:।
अथाब्रवीत् तदा वृष्णीन् श्रुत्वैवं मधुसूदन:॥ २३॥
 
 
अनुवाद
ऐसा कहकर ऋषि भगवान श्रीकृष्ण के पास गए। (वहाँ उन्होंने उनसे सब बातें कहीं।) यह सब सुनकर भगवान मधुसूदन ने वृष्णियों से कहा -॥23॥
 
Saying this the sage went to Lord Krishna. (There he told him everything.) After listening to all this Lord Madhusudana said to the Vrishnis -॥23॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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