श्री महाभारत  »  पर्व 15: आश्रमवासिक पर्व  »  अध्याय 7: युधिष्ठिरको धृतराष्ट्रके द्वारा राजनीतिका उपदेश  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  15.7.19 
एवमेतन्महाराज राजा सम्यक् समाचरन्।
प्रेत्य स्वर्गमवाप्नोति प्रजा धर्मेण पालयन्॥ १९॥
 
 
अनुवाद
महाराज! जो राजा इन सब बातों पर विचार करता है, उचित आचरण करता है और अपनी प्रजा का धर्मपूर्वक पालन करता है, वह मरने के बाद स्वर्ग को जाता है।
 
Maharaj! The king who ponders over all these matters and behaves in the right manner and takes care of his subjects righteously, goes to heaven after his death.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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