श्री महाभारत  »  पर्व 15: आश्रमवासिक पर्व  »  अध्याय 6: धृतराष्ट्रद्वारा राजनीतिका उपदेश  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  15.6.16 
कौन्तेय तं न हिंसेत् स यो महीं विजिगीषते।
गणानां भेदने योगमीप्सेथा: सह मन्त्रिभि:॥ १६॥
 
 
अनुवाद
हे कुन्तीपुत्र! जो सम्पूर्ण पृथ्वी को जीतना चाहता है, उसके प्रति कभी हिंसा न करे। तुम्हें और तुम्हारे मन्त्रियों को सदैव शत्रुओं में फूट डालने की इच्छा रखनी चाहिए॥16॥
 
O son of Kunti! One who wants to conquer the entire earth should never commit violence against that person. You and your ministers should always wish to create divisions among the enemies.॥ 16॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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