श्री महाभारत  »  पर्व 15: आश्रमवासिक पर्व  »  अध्याय 4: व्यासजीके समझानेसे युधिष्ठिरका धृतराष्ट्रको वनमें जानेके लिये अनुमति देना  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  15.4.19 
गते भगवति व्यासे राजा पाण्डुसुतस्तदा।
प्रोवाच पितरं वृद्धं मन्दं मन्दमिवानत:॥ १९॥
 
 
अनुवाद
भगवान व्यास के चले जाने के बाद राजा युधिष्ठिर ने विनम्रतापूर्वक और धीरे से अपने वृद्ध चाचा धृतराष्ट्र से कहा -
 
After Lord Vyasa left, King Yudhishthira humbly and slowly told his old uncle Dhritarashtra -
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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