श्री महाभारत  »  पर्व 15: आश्रमवासिक पर्व  »  अध्याय 4: व्यासजीके समझानेसे युधिष्ठिरका धृतराष्ट्रको वनमें जानेके लिये अनुमति देना  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  15.4.12 
एष एव परो धर्मो राजर्षीणां युधिष्ठिर।
समरे वा भवेन्मृत्युर्वने वा विधिपूर्वकम्॥ १२॥
 
 
अनुवाद
युधिष्ठिर! युद्ध में अथवा वन में शास्त्रविधि से मरना राजर्षियों का परम कर्तव्य है।
 
Yudhisthira! It is the supreme duty of the royal sages to die in battle or in the forest in a manner prescribed by the scriptures.
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.