श्री महाभारत  »  पर्व 15: आश्रमवासिक पर्व  »  अध्याय 4: व्यासजीके समझानेसे युधिष्ठिरका धृतराष्ट्रको वनमें जानेके लिये अनुमति देना  »  श्लोक 10
 
 
श्लोक  15.4.10 
एवमेतन्महाबाहो यथा वदसि भारत।
राजायं वृद्धतां प्राप्त: प्रमाणे परमे स्थित:॥ १०॥
 
 
अनुवाद
महाबाहु भरतपुत्र! आपकी बात तो ठीक है। किन्तु राजा धृतराष्ट्र वृद्ध हो गए हैं और उनके अन्तिम दिन आ गए हैं॥ 10॥
 
Mahabahu Bharata's son! What you say is correct. However, King Dhritarashtra has grown old and is in his last days.॥ 10॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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