श्री महाभारत  »  पर्व 15: आश्रमवासिक पर्व  »  अध्याय 37: नारदजीसे धृतराष्ट्र आदिके दावानलमें दग्ध हो जानेका हाल जानकर युधिष्ठिर आदिका शोक करना  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  15.37.26 
यदत्रानन्तरं कार्यं तद् भवान् वक्तुमर्हति।
इत्युक्त: संजयेनेदं पुनराह स पार्थिव:॥ २६॥
 
 
अनुवाद
अब कृपा करके मुझे बताइए कि आगे क्या करना चाहिए ।’ संजय के ऐसा कहने पर राजा ने पुनः कहा - ॥26॥
 
Now please tell me what should be done next.' When Sanjaya said this, the king again said - ॥26॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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