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श्लोक 15.36.18  |
मातरौ ते तथैवेमे शीर्णपर्णकृताशने।
मम तुल्यव्रते पुत्र न चिरं वर्तयिष्यत:॥ १८॥ |
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अनुवाद |
बेटा! मेरी ही तरह तुम्हारी माताएँ भी व्रत रखती हैं और सूखे पत्ते चबाकर जीवनयापन करती हैं। अब वे अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकतीं॥18॥ |
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Son! Just like me, your mothers also observe fasts and live by chewing dry leaves. Now they cannot survive for long.॥ 18॥ |
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