श्री महाभारत  »  पर्व 15: आश्रमवासिक पर्व  »  अध्याय 36: व्यासजीकी आज्ञासे धृतराष्ट्र आदिका पाण्डवोंको विदा करना और पाण्डवोंका सदलबल हस्तिनापुरमें आना  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  15.36.11 
विसर्जयैनं यात्वेष स्वराज्यमनुशासताम्।
मास: समधिकस्तेषामतीतो वसतां वने॥ ११॥
 
 
अनुवाद
अब इन्हें विदा कर दो। इन्हें जाकर अपना राज्य सँभालने दो। ये लोग एक महीने से अधिक समय से वन में हैं॥11॥
 
‘Now send them away. Let them go and take care of their kingdom's affairs. These people have been in the forest for more than a month.॥ 11॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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