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श्लोक 15.3.39  |
तत्राहं वायुभक्षो वा निराहारोऽपि वा वसन्।
पत्न्या सहानया वीर चरिष्यामि तप: परम्॥ ३९॥ |
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अनुवाद |
हे वीर! मैं वहाँ वायु पीकर या उपवास करके रहूँगा और अपनी पत्नी सहित उत्तम तप करूँगा॥ 39॥ |
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Valiant one! I will stay there by drinking air or fasting and will perform the best penance along with my wife.॥ 39॥ |
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