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श्लोक 15.29.4  |
वनवासे च कौरव्य: कियन्तं कालमच्युत:।
युधिष्ठिरो नरपतिर्न्यवसत् सजनस्तदा॥ ४॥ |
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अनुवाद |
अपनी मर्यादा से कभी विचलित न होने वाले कुरुराज युधिष्ठिर सबके साथ कितने दिनों तक वन में रहे?॥4॥ |
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For how many days did the Kuru king Yudhishthira, who never deviated from his dignity, stay in the forest with everyone?॥ 4॥ |
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