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श्लोक 15.29.38  |
षोडशेमानि वर्षाणि गतानि मुनिपुङ्गव।
अस्य राज्ञो हतान् पुत्रान् शोचतो न शमो विभो॥ ३८॥ |
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अनुवाद |
मुनिवर! हे प्रभु! ये महाराज सोलह वर्षों से अपने मृत पुत्रों के लिए शोक मना रहे हैं; किन्तु इन्हें अब तक शांति नहीं मिली है। |
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Munivar! O Lord! This Maharaja has been mourning for his dead sons for sixteen years now; but he has not found peace till now. 38. |
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