श्री महाभारत  »  पर्व 15: आश्रमवासिक पर्व  »  अध्याय 27: युधिष्ठिर आदिका ऋषियोंके आश्रम देखना, कलश आदि बाँटना और धृतराष्ट्रके पास आकर बैठना, उन सबके पास अन्यान्य ऋषियोंसहित महर्षि व्यासका आगमन  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  15.27.24 
समागतस्ततो व्यास: शतयूपादिभिर्वृत:।
धृतराष्ट्रं महीपालमास्यतामित्यभाषत॥ २४॥
 
 
अनुवाद
तत्पश्चात् शतयुप आदि से घिरे हुए नव-आगन्तुक महर्षि व्यास ने राजा धृतराष्ट्र से कहा - 'बैठ जाइये' ॥24॥
 
Thereafter, the newly arrived Maharishi Vyas, surrounded by Shatayup etc., said to King Dhritarashtra - 'Sit down'. 24॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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