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श्लोक 15.18.6  |
पुत्रैश्वर्यं महदिदमपास्य च महाफलम्।
का नु गच्छेद् वनं दुर्गं पुत्रानुत्सृज्य मूढवत्॥ ६॥ |
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अनुवाद |
कौन स्त्री मूर्ख की तरह पुत्रों के लिए महान् हितकारी इस महान् धन को त्यागकर तथा अपने पुत्रों को त्यागकर दुर्गम वन में जाएगी? ॥6॥ |
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Which woman will go to an inaccessible forest like a fool, abandoning this great wealth which is of great benefit to the sons and forsaking her sons? ॥ 6॥ |
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