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श्लोक 15.18.10  |
न च सा वनवासाय देवी कृतमतिं तदा।
शक्नोत्युपावर्तयितुं कुन्तीं धर्मपरां सतीम्॥ १०॥ |
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अनुवाद |
परन्तु धर्मपरायण एवं पतिव्रता कुंती देवी ने वन में रहने का दृढ़ निश्चय कर लिया था, इसलिए गांधारी देवी उन्हें वापस घर नहीं ला सकीं। |
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But the pious and chaste Kunti Devi had taken a firm resolve to stay in the forest; therefore Gandhari Devi could not bring her back home. |
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