श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 98: जल-दान, अन्न-दान और अतिथि-सत्कारका माहात्म्य  »  श्लोक d6
 
 
श्लोक  14.98.d6 
तत्र पुष्पोदकी नाम नदी परमपावनी।
कामान् ददाति राजेन्द्र तोयदानां यमालये॥
 
 
अनुवाद
राजेन्द्र! यमलोक में पुष्पोदकी नाम की एक अत्यन्त पवित्र नदी है। वह जलदान करने वाले मनुष्यों की समस्त कामनाओं को पूर्ण करती है।
 
‘Rajendra! There is a very holy river named Pushpodaki in Yamaloka. It fulfils all the desires of men who donate water.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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