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श्लोक 14.83.20  |
ततो गान्धारराजेन युद्धमासीत् किरीटिन:।
घोरं शकुनिपुत्रेण पूर्ववैरानुसारिणा॥ २०॥ |
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अनुवाद |
तब मुकुटधारी अर्जुन और शकुनि के पुत्र, गांधार के राजा, जो अपनी पूर्व शत्रुता निभा रहा था, के बीच भयंकर युद्ध हुआ। |
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Then a fierce battle took place between the crown-wearing Arjuna and Shakuni's son, the king of Gandhara, who was carrying on with his previous enmity. |
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इति श्रीमहाभारते आश्वमेधिके पर्वणि अनुगीतापर्वणि अश्वानुसरणे त्र्यशीतितमोऽध्याय:॥ ८३॥
इस प्रकार श्रीमहाभारत आश्वमेधिकपर्वके अन्तर्गत अनुगीतापर्वमें यज्ञसम्बन्धी अश्वका अनुसरणविषयक तिरासीवाँ अध्याय पूरा हुआ॥ ८३॥
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