श्री महाभारत » पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व » अध्याय 68: श्रीकृष्णका प्रसूतिकागृहमें प्रवेश, उत्तराका विलाप और अपने पुत्रको जीवित करनेके लिये प्रार्थना » श्लोक 9-10h |
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| | श्लोक 14.68.9-10h  | अयमायाति ते भद्रे श्वशुरो मधुसूदन:॥ ९॥
पुराणर्षिरचिन्त्यात्मा समीपमपराजित:। | | | अनुवाद | कल्याणी! देखो, तुम्हारे ससुर के समान अजेय, अजेय स्वरूप वाले, किसी से पराजित न होने वाले, प्राचीन मुनि भगवान मधुसूदन तुम्हारे पास आ रहे हैं। | | Kalyani! Look, the ancient sage Lord Madhusudan, who is like your father-in-law, invincible in form, who cannot be defeated by anyone, is coming to you. 9 1/2॥ |
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