श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 6: नारदजीकी आज्ञासे मरुत्तका उनकी बतायी हुई युक्तिके अनुसार संवर्तसे भेंट करना  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  14.6.9 
न त्वां याजयितास्म्यद्य वृणु यं त्वमिहेच्छसि।
उपाध्यायं महाबाहो यस्ते यज्ञं करिष्यति॥ ९॥
 
 
अनुवाद
महाबाहो! मैं आपका यज्ञ नहीं करूँगा। आप किसी अन्य को अपना पुरोहित नियुक्त कर सकते हैं जो आपका यज्ञ सम्पन्न कराएगा।
 
Mahabaho! I will not perform your yagya. You can appoint anyone else as your priest who will perform your yagya.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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