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श्लोक 14.6.11  |
देवर्षिणा समागम्य नारदेन स पार्थिव:।
विधिवत् प्राञ्जलिस्तस्थावथैनं नारदोऽब्रवीत्॥ ११॥ |
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अनुवाद |
देवर्षि नारदजी से मिलकर राजा मरुत रीति के अनुसार हाथ जोड़कर खड़े हो गए। तब नारदजी ने उनसे कहा -॥11॥ |
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On meeting with sage Devarshi Narada, king Marut stood with folded hands as per custom. Then Narada ji said to him -॥ 11॥ |
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