श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 4: मरुत्तके पूर्वजोंका परिचय देते हुए व्यासजीके द्वारा उनके गुण, प्रभाव एवं यज्ञका दिग्दर्शन  »  श्लोक 2
 
 
श्लोक  14.4.2 
व्यास उवाच
आसीत् कृतयुगे तात मनुुर्दण्डधर: प्रभु:।
तस्य पुत्रो महाबाहु: प्रसन्धिरिति विश्रुत:॥ २॥
 
 
अनुवाद
व्यासजी बोले - तात! सत्ययुग में राजदण्डधारी महाबली वैवस्वत मनु एक प्रसिद्ध राजा थे। उनके पुत्र महाबाहु प्रसन्धिके नाम से प्रसिद्ध थे।
 
Vyasji said – Tat! The powerful Vaivaswat Manu, who held the scepter in Satyayuga, was a famous king. His son Mahabahu was famous by the name of Prasandhike. 2॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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