श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 32: ब्राह्मणरूपधारी धर्म और जनकका ममत्वत्यागविषयक संवाद  »  श्लोक 3
 
 
श्लोक  14.32.3 
इत्युक्त: प्रत्युवाचाथ ब्राह्मणो राजसत्तमम्।
आचक्ष्व विषयं राजन् यावांस्तव वशे स्थित:॥ ३॥
 
 
अनुवाद
यह सुनकर ब्राह्मण ने महाराज से कहा - 'महाराज! मुझे अपने अधीन देश की सीमा बताइए।'
 
On hearing this the Brahmin replied to the great king - 'Maharaj! Tell me the boundaries of the country that is under your control.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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