श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 32: ब्राह्मणरूपधारी धर्म और जनकका ममत्वत्यागविषयक संवाद  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  14.32.1 
ब्राह्मण उवाच
अत्राप्युदाहरन्तीममितिहासं पुरातनम्।
ब्राह्मणस्य च संवादं जनकस्य च भाविनि॥ १॥
 
 
अनुवाद
ब्राह्मण ने कहा - भामिनी! इस प्रसंग में ब्राह्मण और राजा जनक के संवाद रूपी प्राचीन इतिहास का उदाहरण दिया जाता है॥1॥
 
The Brahmin said - Bhamini! In this context an example of an ancient history in the form of a dialogue between a Brahmin and King Janaka is given.॥ 1॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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