श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 3: व्यासजीका युधिष्ठिरको अश्वमेध यज्ञके लिये धनकी प्राप्तिका उपाय बताते हुए संवर्त और मरुत्तका प्रसंग उपस्थित करना  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  14.3.9 
यजस्व वाजिमेधेन विधिवद् दक्षिणावता।
बहुकामान्नवित्तेन रामो दाशरथिर्यथा॥ ९॥
 
 
अनुवाद
तुम दशरथनन्दन श्री राम के समान बहुत सी इच्छित वस्तुओं, अन्न और धन से युक्त होकर विधिपूर्वक दक्षिणा देकर अश्वमेध यज्ञ करो॥9॥
 
Perform the Yagya like Dasharthanandan Shri Ram by offering Ashwamedha Yagya with lots of desired things, food and wealth by giving formal Dakshina. 9॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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