श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 28: ज्ञानी पुरुषकी स्थिति तथा अध्वर्यु और यतिका संवाद*  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  14.28.6 
अत्राप्युदाहरन्तीममितिहासं पुरातनम्।
अध्वर्युयतिसंवादं तं निबोध यशस्विनि॥ ६॥
 
 
अनुवाद
यशस्विनी! इस विषय में प्राचीन इतिहास से अध्वर्यु और यति के संवाद के रूप में एक उदाहरण दिया गया है, तुम उसे सुनो॥6॥
 
Yashaswini! In this matter, an example from ancient history is given in the form of dialogue between Adhvaryu and Yeti, you listen to it. 6॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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